मेरे खवाबों के इस खवाब को हक़ीक़त बना दे ऐ मौला। दो दिलों की इस अधूरी दास्तां को मेर मेरे खवाबों के इस खवाब को हक़ीक़त बना दे ऐ मौला। दो दिलों की इस अधूरी दास्त...
कभी पटरी पे रहते तो कभी लकीरों से परे चलते कभी पटरी पे रहते तो कभी लकीरों से परे चलते
तंग आ चुका हूँ मैं इन लाल हरी जंजीरों से. तंग आ चुका हूँ मैं इन लाल हरी जंजीरों से.
"मेरे यह कहने से वह और जोर जोर से रोने लगी। "मेरे यह कहने से वह और जोर जोर से रोने लगी।
दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा। दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा।
तेरी यादों के सहारे ढलती है मेरी हर शाम आज भी तेरी यादों के सहारे ढलती है मेरी हर शाम आज भी